वर्ष 2005 में बने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने आज 16 सितंबर 2025 को अपने 21वें स्थापना दिवस को बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में उन कर्मचारियों और सदस्यों को सम्मानित किया गया, जो पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से विश्वविद्यालय की सेवा में निरंतर कार्यरत हैं। उनके योगदान, निष्ठा और कठिन परिश्रम को सराहा गया और विश्वविद्यालय की प्रगति में उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया।
स्थापना दिवस के अवसर पर एक विशेष सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी किया गया। इसमें विश्वविद्यालय परिवार ने भाग लेकर एक सकारात्मक, शुद्ध और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव किया। यह आयोजन न केवल भक्ति का प्रतीक रहा, बल्कि सभी में आपसी सहयोग, एकता और सेवा भावना को बढ़ावा देने का माध्यम भी बना।
समारोह में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्री संजय बंसल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“जब हमने इस विश्वविद्यालय की नींव रखी थी, तब हमारा सपना था कि एक ऐसा शिक्षण संस्थान बने जो शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, नैतिकता और सेवा की भावना से भी युवाओं को सशक्त बनाए। आज 21 वर्षों बाद जब मैं विश्वविद्यालय के हर कोने में मेहनत करते विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को देखता हूं तो मुझे गर्व होता है। मैं आप सभी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं कि आप सबने मिलकर इस संस्थान को अपने सपनों से आगे बढ़ाया है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।”
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वाईस प्रेसिडेंट श्री अमन बंसल, प्रो वाईस प्रेसिडेंट श्रीमती नैन्सी बंसल, वाईस चांसलर प्रो. (डॉ.) अजय कुमार, प्रो वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) रितिका मेहरा, प्रो. (डॉ.) संदीप शर्मा, प्रो. (डॉ.) प्रेम सैनी एवं विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया और भविष्य में गुणवत्ता शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार तथा सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का संकल्प व्यक्त किया।
स्थापना दिवस समारोह ने विश्वविद्यालय परिवार में उत्साह, प्रेरणा और सहयोग की भावना को प्रबल किया। अध्यक्ष महोदय ने सभी से अपील की कि वे अपने कार्य में पूरी निष्ठा और लगन से योगदान दें तथा विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। कार्यक्रम का समापन सभी के लिए मंगलकामनाओं और भविष्य की योजनाओं के साथ हुआ।