तकनीक के बदलते दौर में जैविक डेटा विश्लेषण के नए आयामों पर चर्चा करने और वैज्ञानिक शोध आधारित आर्थिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शोध विद्यार्थियों से देश की तरक्की में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया।
कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ. अलाइड साइंस और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत एसईआरबी द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ‘एक्सेलरेट विज्ञान’ योजना के तहत देशभर में शोध कार्यों को बढ़ावा देना है। उद्घाटन अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि बदलते समय के साथ विद्यार्थी शोध करके विज्ञान के क्षेत्र में योगदान और देश के विकास में सहयोग दे सकते हैं। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि इंडियन नेशनल साइंस अकादमी के वरिष्ठ वैज्ञानिक और आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रूप लाल ने डीएनए संरचना और जैव सूचना विज्ञान सहित अनुक्रमण अर्थात सीक्वेंसिंग तकनीक की तीन पीढ़यों पर चर्चा की।
इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि छात्रों और शोधार्थियों को इस तरह की कार्यशालाओं से लाभ उठाते हुए अपने शोध को और प्रभावी बनाना चाहिए। इस अवसर पर स्कूल ऑफ. अलाइड साइंस के डीन डॉ नबील अहमद, निर्जरा सिंघवी, डीन रिसर्च डॉ दीपक कुमार सहित विभागों के डीन, शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।