शोधपत्रों के व्यवस्थित लेखन और उनके उचित स्थान पर प्रकाशन के लिए मंथन करने की दृष्टि से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में यूसर्क के सहयोग से ‘आर्ट ऑफ़ साइंटिफिक राइटिंग’ कार्यशला का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने शोधार्थियों की शंकाओं का समाधान किया।
सोमवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय के रीसर्च एंड इन्क्यूबेशन सेल और उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च सेंटर (यूसर्क) के सहयोग से दो दिवसीय ‘आर्ट ऑफ़ साइंटिफिक राइटिंग’ कार्यशाला की शुरुआत हुई, जिसमें मुख्य अतिथि उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ जगमोहन सिंह राणा ने रीसर्च के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शोधपत्र लेखन और उनके उपयुक्त जर्नल में प्रकाशन पर मंथन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यशाला की सराहना की। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों की मेहनत तब बेकार हो जाती है जब उनका शोधपत्र कई प्रयासों के बाद भी उपयुक्त जर्नल में छप नहीं पाता। लेकिन, ये कार्यशाला शोधार्थियों की शंकाओं का समाधान करने में सहायक सिद्ध होगी।
आईआईटी रुड़की के प्रोफ़ेसर पी गोपीनाथ ने कार्यशाला के दौरान प्रकाशन प्रणाली पर प्रकाश डाला। इस मौके पर कुलपति प्रो. डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि यूसर्क से शोधार्थियों के बेहतर लेखन और प्रकाशन के लिए मील का पत्थर साबित होगी। डीन रीसर्च डॉ नबील अहमद ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजन पर बल दिया। इस मौके पर उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डॉ निर्जरा सिंघवी आदि उपस्थित थे।