देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में भारत की 77वीं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक ऐतिहासिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस महाकुंभ में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी देहरादून और आईपीए-एसएफ उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के सहयोग से बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने भाग लिया। शिविर में 250 यूनिट से अधिक रक्त एकत्रित किया गया, जो कि एक रिकॉर्ड है।
- रक्तदान को लेकर उत्साह का माहौल
- विश्वविद्यालय परिसर में गूंजा राष्ट्रवाद का जयकारा
मुख्य अतिथि महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डा. तारा आर्य ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि रक्तदान न केवल एक मानवीय कार्य है बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से न केवल किसी की जान बचती है बल्कि रक्तदाता का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। उन्होंने सभी को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया।
स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल उत्तराखंड के निदेशक डा. एसएस कंडारी ने कहा कि रक्त की कमी अक्सर कई गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करके हम ऐसे मरीजों को नया जीवन दे सकते हैं। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी देहरादून के अध्यक्ष डा. एमएस अंसारी ने कहा कि रक्तदान एक ऐसा पुण्य कार्य है जो किसी भी धर्म, जाति या वर्ग से बंधा नहीं होता है।
शिविर में विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। छात्रों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया और इस तरह देश सेवा में अपना योगदान दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डा. प्रीति कोठियाल ने इस अवसर पर कहा कि रक्तदान एक ऐसा कार्य है जो हमें मानवता की सेवा करने का अवसर देता है। उन्होंने सभी रक्तदाताओं को धन्यवाद दिया।